भगवान का चिन्ह | :: | गेंडा |
देवगति से पूर्व भव का नाम | :: | नलिन |
कहां से आये | :: | पुष्पोत्तर |
गर्भ कल्याण तिथि | :: | ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी |
जन्म कल्याण की तिथि | :: | फाल्गुन कृष्ण ग्यारस |
जन्म नगरी | :: | सिंहपुरी |
वंश | :: | इक्ष्वाकु |
पिता का नाम | :: | विष्णु |
माता का नाम | :: | वेणूश्री |
आयु | :: | चौरासी लाख |
ऊंचाई | :: | अस्सी धनुष |
वर्ण | :: | स्वर्ण |
वैराग्य का कारण | :: | बसंत वन लक्ष्मीनाश |
दीक्षा की तिथि | :: | फाल्गुन कृष्ण ग्यारस |
दीक्षा का समय | :: | पूर्वान्ह |
दीक्षा नगरी | :: | सिंहनाथपुर |
दीक्षा वन | :: | मनोहर |
दीक्षा पालकी | :: | विमलप्रभा |
दीक्षा वृक्ष | :: | तेन्दु वृक्ष |
दीक्षा समय उपवास | :: | तृतीय भक्त |
सह दीक्षित | :: | एक हजार |
प्रथम आहार नगरी | :: | सिद्धार्थपुर |
प्रथम आहार किसने दिया | :: | सुनन्दराजा |
प्रथम आहार में क्या दिया | :: | गौ क्षीर से बने पकवान |
छद्मस्थकाल | :: | दो वर्ष |
केवल ज्ञान तिथि | :: | माघ कृष्ण अमावस्या |
केवल ज्ञान समय | :: | अपरांह |
केवल ज्ञान का स्थान | :: | सिंहनाथपुर |
केवल ज्ञान वन | :: | मनोहर |
केवल ज्ञान वृक्ष | :: | तेन्दु |
समवशरण का व्यास | :: | सात योजन |
समवशरण में कुल मुनियों की संख्या | :: | चौरासी हजार |
समवशरण में कुल आर्यिकाओं की संख्या | :: | एक लाख तीस हजार |
कुल गणधर | :: | सतहत्तर |
मुख्य गणधर का नाम | :: | धर्म |
मुख्य आर्यिका नाम | :: | चारणा |
कुल श्रावक | :: | दो लाख |
कुल श्राविका | :: | चार लाख |
मुख्य श्रोता | :: | त्रिपृष्ठ |
केवल ज्ञान के पूर्व उपवास | :: | बेला दो उपवास |
कितने यतिगण सिद्ध हुए | :: | पैंसठ हजार छः सौ |
अनुबद्ध केवली की कुल संख्या | :: | बहत्तर |
केवली काल का समय | :: | दो वर्ष कम इक्कीस लाख पूर्व |
मोक्ष की तिथि | :: | श्रावण शुक्ल १५ |
मोक्ष का समय | :: | अपरांह |
मोक्ष का स्थान | :: | सम्मेद शिखर (संकुलकूट) |
साथ में मोक्ष जाने वालों की संख्या | :: | एक हजार |
योग निवृत्ति | :: | एक मास पूर्व |
मोक्ष के समय का आसन | :: | खड्गासन |
भगवान के समय चक्रवर्ती | :: | कोई नहीं |
भगवान के समय बलदेव | :: | विजय |
भगवान के समय नारायण | :: | त्रिपृष्ठ |
भगवान के समय प्रतिनारायण | :: | अश्वग्रीव |
भगवान के समय रुद्र | :: | सुप्रतिष्ठ |
भगवान के समय यक्ष | :: | ईश्वरकुमार |
भगवान के समय यक्षिणीयां | :: | गौरी |
भगवान का विशेष पद | :: | मण्डलीक राजा |
